स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: 15 दिनों में दस बार या कहें तो ज्यादातर जब भी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी करती हैं, तो देखा जाता है कि 80 पैसे की वृद्धि की जाती है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर 80 पैसे की बढ़ोतरी का क्या फार्मूला है। इस संबंध में एजेंल कमोडिटीज के फाउंडर और कमोडिटी विशेषज्ञ अनुज गुप्ता का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि करने को लेकर तेल कंपनियों के पास पहले एक सकुर्लर आया था। जिसमें हिदायत दी गई थी इनकी कीमतों में अधिकतम बढ़ोतरी एक रुपये तक ही की जा सकती है। इसके बाद काफी गहन-विचार करने के बाद कंपनियों ने अपने स्तर अधिकतम लिमिट 80 फीसदी तय की और इसके बाद से ही देखने में मिलता है कि तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम में रोजना के आधार पर जो भी बढ़ोतरी करती हैं उनमें ज्यादातर वृद्धि 80 पैसे प्रति लीटर ही की जाती है।