जानिए, क्रिकेटर शाहबाज अहमद की कहानी

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Harmeet
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जानिए, क्रिकेटर शाहबाज अहमद की कहानी

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: हरियाणा के मेवात जिले के रहने वाले शाहबाज के क्रिकेट तक पहुंचने की कहानी रोचक है। आरसीबी के इस ऑलराउंडर के पिता अहमद जान हरियाणा में एसडीएम के रीडर हैं। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई और अपनी नौकरी को लिए गांव छोड़ दिया था। उनका सपना था कि बेटा शाहबाज इंजीनियर बने, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शाहबाज को क्रिकेट से प्यार था और उन्होंने इसे ही चुना।

शाहबाज के खून में क्रिकेट उनके दादाजी से आया। अहमद जान के पिता को भी क्रिकेट का शौक था। मेवात में क्रिकेट के लिए ज्यादा सुविधाएं नहीं थीं। उनका गांव पढ़ाई-लिखाई के लिए जाना जाता है। वहां डॉक्टर-इंजीनियर की संख्या ज्यादा है। यहां तक कि शाहबाज की छोटी बहन फरहीन डॉक्टर हैं और फरीदाबाद के एक अस्पताल में ट्रेनिंग कर रही हैं। शाहबाज के पिता चाहते थे कि उनका बेटा इंजीनियर बने। इसके लिए फरीदबाद के कॉलेज में उनका एडमिशन भी कराया। पिता ने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन तो करा दिया, लेकिन शाहबाज का मन पढ़ाई में नहीं लगता था वे क्रिकेट के लिए क्लास छोड़ देते थे। पिता को इसकी जानकारी कॉलेज से मिली। इस पर पिता अहमद जान ने बेटे से बात की। उन्होंने शाहबाज को कहा कि वे क्रिकेट या इंजीनियरिंग में से किसी एक चुने, लेकिन उसी चीज पर मन लगाए। पिता के कहने के बाद शाहबाज ने क्रिकेट को चुना।

शाहबाज गुड़गांव के एक क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग लेने लगे। क्रिकेट के साथ-साथ शाहबाज ने पढ़ाई भी जारी रखी। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग पूरी की। इसके बाद दोस्त प्रमोद चंदीला के कहने पर बंगाल चले गए। चंदीला वहां एक क्रिकेट क्लब की ओर से खेलते थे। शाहबाज को बंगाल के घरेलू मैचों में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद 2018-19 में बंगाल रणजी टीम में चुना गया। इसके बाद 2019-20 में उन्हें इंडिया-ए टीम में चुना गया।