राहुल पासवान और पलविंदर सिंह, एएनएम न्यूज़: भगवान राम के जन्मदिन को रामनवमी त्योहार के रूप में मनाया जाता है। रामनवमी पर इस बार ग्रहों-नक्षत्रों का बहुत शुभ योग है। मान्यता है कि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान राम का जन्म हुआ था। इसी दिन देशभर में हर्षोल्लास के साथ रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। रविवार शिल्पांचल के मंदिरों में भी रामनवमी के उपलक्ष्य में भक्तों की भीड़ देखी गयी। सुबह होते ही मंदिरों में घंटियों और शंख की गूंज सुनाई देने लगी। कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना की। पूरे विधि-विधान के साथ पूजा के बाद प्रसाद वितरण किया गया। मंदिरों के पुजारियों ने बताया कि नवमी के दिन सिद्धिदायिनी माँ यानी सिद्धियों को देने वाली सिद्धिदात्री देवी का पूजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इनकी आराधना से भक्तों को समस्त सिद्धियां व नवनिधियों की प्राप्ति होती हैं। वसंत नवरात्र की इस नवमी का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। मंदिरों में देवी सिद्धिदात्री के साथ भगवान राम की भी पूजा की गई। शिल्पांचल के विभिन्न मंदिरों में नवरात्र में विशेष तैयारियां की गई थी। सफाई और साज-सज्जा के साथ विशेष प्रसाद का वितरण किया गया है।