स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के हलफनामे पर कड़ी टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत के न्यायमूर्ति एसके कौल ने अबू सलेम की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही कि केंद्रीय गृहमंत्रायल न्यायपालिका को भाषण न दे। गैंगस्टर अबू सलेम ने 25 साल से अधिक की जेल की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के रुख को खारिज दिया। जिसमें कहा गया था कि सरकार के लिए अबू सलेम के मामले पर फैसला लेने का यह उचित समय नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय फैसला कर सकता है। अदालत ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि याचिका समय से पहले है। सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र की ओर से मामले पर फैसला करने के लिए कहने पर आपत्ति जताई। न्यायामूर्ति एसके कौल ने आगे कहा कि गृह सचिव कोई नहीं है जो हमें इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए कहे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें गृह मंत्रालय के हलफनामे में 'हम उचित समय पर निर्णय लेंगे' जैसे वाक्य पसंद नहीं हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय से कहा कि न्यायपालिका को भाषण न दें। जब आप हमें कुछ तय करने के लिए कहते हैं तो हम इसे सहजता से नहीं लेते।