पलविंदर सिंह, एएनएम न्यूज: शहीदों के सरताज कहे जाने वाले वीर योद्धा श्रीगुरु अर्जुन देव जी का आज को शहीदी दिवस मनाया गया। न्यू कॉलोनी सिख समुदाय की और से कुल्टी स्टेशन में गुरु जी की याद में छबील लगाई गईं और लोगों को संदेश दिया गया कि सेवा में लगे रहने से ही जीवन का सच्चा सुख मिलता है।
बताया जाता है कि 1606 में आज ही के दिन मुगल बादशाह जहांगीर ने उनकी जघन्य तरीके से यातना देकर हत्या करवा दी थी। इसी कारण हर साल आज ही के दिन उनका शहीदी दिवस मनाया जाता है। वे सिखों के पांचवें गुरु थे। उन्होंने अपना जीवन धर्म और लोगों की सेवा में बलिदान कर दिया। वे दिन रात संगत और सेवा में लगे रहते थे। वे सभी धर्मों को एक समान दृष्टि से देखते थे। गुरु अर्जुन देव जी का जन्म 15 अप्रैल साल 1563 में हुआ था। वे गुरु रामदास और माता बीवी भानी के पुत्र थे। उनके पिता गुरु रामदास स्वयं सिखों के चौथे गुरु थे, जबकि उनके नाना गुरु अमरदास सिखों के तीसरे गुरु थे। गुरु अर्जुन देव जी का बचपन गुरु अमर दास की देख रेख में बीता था। उन्होंने ही अर्जुन देव जी को गुरमुखी की शिक्षा दी। साल 1581 में गुरु अर्जुन देव सिखों के पांचवे गुरु बने। उन्होंने ही अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे की नींव रखवाई थी, जिसे आज स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं इस गुरुद्वारे का नक्शा स्वयं अर्जुन देव जी ने ही बनाया था। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब का संपादन भाई गुरदास के सहयोग से किया था। शुक्रवार को यहां आयोजित हुए कार्यक्रम में मुख्य रुप से रघुबीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, लखबिंदर सिंह, गुरजीत सिंह, गंगा सिंह, राजपाल सिंह, शिवम पटेल आदि ने मुख्य रुप से सेवा की।