स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: सरकार नौकरीपेशा लोगों के लिए चार बड़े बदलाव लाने की तैयारी में है। देश में एक जुलाई से नया लेबर कोड लागू हो सकता है। अगर ये 1 जुलाई से देश भर में लागू होते हैं, तो इसका असर नौकरीपेशा लोगों की सप्ताहिक छुट्टियों से लेकर इन हैंड सैलरी तक में दिखेगा। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इन चार लेबर कोड्स को फाइनल कर दिया है, अब इसे लागू करने का जिम्मा राज्य सरकारों के ऊपर है। नए कानून के अनुसार, किसी भी कर्मचारी को सप्ताह में 48 घंटे काम करने होंगे। मतलब ये कि आपको काम कम नहीं करना है, लेकिन दफ्तर 5 दिन की जगह चार दिन ही जाना होगा। इसके अलावा छुट्टियों को लेकर एक और बड़ा बदलाव होगा। पहले किसी भी संस्थान में लंबी अवधि की छुट्टी लेने के लिए साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी होता था, लेकिन नए लेबर कोड के तहत आप 180 दिन या 6 महीना काम करने के बाद लंबी छुट्टी ले सकेंगे। फुल एंड फाइनल सेटलमेंट के बारे में कहा गया है कंपनी से नौकरी छोड़ने, बर्खास्तगी, छंटनी और इस्तीफा देने के दो दिन के अंदर कर्मचारियों को उनकी सैलरी का भुगतान किया जाएगा। महिला श्रमिकों को उनकी सहमति से रात्रि में काम करने का अधिकार सुनिश्चित किया गया है और संस्थान को महिला श्रमिकों को रात्रि में पर्याप्त सुरक्षा एवं सुविधाएं देने की व्यवस्था करनी होगी। मैटरनिटी बेनेफिट एक्ट को वर्ष 2017 में संशोधित कर महिला श्रमिकों को वेतन सहित मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने का प्रावधान है।
पहले इसे एक अक्टूबर 2021 को ही लागू किया जाना था। लेकिन तब 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए केन्द्र सरकार ने लागू नहीं किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार 1 जुलाई से इसे लागू कर सकती है। नए वेज कोड के लागू होने के बाद टेक होम सैलरी यानी इन हैंड सैलरी आपके खाते में पहले के मुकाबले कम आएगी और सरकार ने नए नियम में प्रावधान किया है कि किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कर्मचारी का कुल वेतन का 50% या उससे अधिक होना चाहिए। अगर आपकी बेसिक सैलरी अधिक होगी, तो पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा। सरकार के इस प्रावधान से रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को मोटी रकम मिलेगी और साथ ही ग्रेज्युटी का पैसा भी अधिक मिलेगा। इससे उनका भविष्य आर्थिक रूप से मजबूत बनेगा।