स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आज भाजपा के अलावा कांग्रेस, एनसीपी ने भी आगे की रणनीति की बैठकें बुलाई हैं। इस दौरान कांग्रेस और एनसीपी का जो फोकस रहेगा, वह पार्टी के विधायकों की मौजूदा संख्या को कायम रखना होगा। हालांकि, फडणवीस को एनसीपी-कांग्रेस विधायकों के समर्थन की आवश्यकता नहीं है। उनके पास पर्याप्त नंबर है। वहीं 2019 में जब फडणवीस ने एनसीपी नेता अजीत पवार के साथ शपथ ली थी, तब एनसीपी के कई विधायक भी पवार के साथ खड़े थे। फडणवीस के प्रति उनकी निष्ठा रही है। 2019 के चुनावों से पहले भी कांग्रेस और एनसीपी के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल चुनावों से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें अपने बेटे सुजय को सांसद बनाना था। वे बने भी थे। इससे पहले जब तक वे कांग्रेस में रहे, मुख्यमंत्री पद के तगड़े दावेदारों में से एक थे।