स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: राज्य में गरीब जनता की स्वास्थ्य लाभ के लिए मुख्यमंत्री ने एक महत्वाकांक्षी योजना स्वास्थ्य साथी लागू की है। जिससे मरीजों का ₹5 लाख तक निजी नर्सिंग होम या अस्पताल में इलाज होगा लेकिन क्या ऐसा हो रहा है? कई ऐसी शिकायतें मिल रही है जिसमें मरीजों का कहना है कि स्वास्थ्य साथी कार्ड पर निजी नर्सिंग होम इलाज करना नहीं चाहते हैं। कहीं बेड नहीं होने का बहाना तो कहीं डॉक्टर का बहाना बनाया जा रहा है। उस समय मरीज स्वास्थ्य साथी कार्ड को लेकर ठगा सा महसूस करते हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से यह घोषणा की है कि जो भी निजी नर्सिंग होम या अस्पताल स्वास्थ्य साथी कार्ड पर इलाज नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाए। मुख्यमंत्री के इस घोषणा के बाद पश्चिम बर्दवान जिला प्रशासन भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और बुधवार को आसनसोल बीएनआर स्थित रविंद्र भवन में एक बैठक की गई। जिसमें पश्चिम बर्दवान जिला के जिला शासक एस अरुण प्रसाद, आसनसोल नगर निगम के घोषित उपमेयर वसीम उल हक, अड्डा के चेयरमैन सह रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी पांडवेश्वर के विधायक नरेंद्र चक्रवर्ती के अलावा जिला के विभिन्न निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों के प्रतिनिधि एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस मौके पर नरेन चक्रवर्ती ने संबोधित करते हुए कहा कि यह सही बात है कि स्वास्थ्य साथी कार्ड पर कई नर्सिंग होम या अस्पताल इलाज करना नहीं चाह रहे हैं। वहीं जिला शासक एस अरुण प्रसाद ने जनप्रतिनिधियों और निजी नर्सिंग होम एंव अस्पताल के प्रतिनिधियों की भी बात सुनी। उन्होंने यह निर्देश दिया कि यदि कोई भी निजी नर्सिंग होम या अस्पताल प्रबंधन मरीज पार्टी के साथ दुर्व्यवहार करता है,तो तत्काल इसकी सूचना जिला शासक कार्यालय को दी जाए। इस पर तुरंत कार्यवाही होगी।