दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन

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दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बिहार के किशनगंज जिले के भारत नेपाल सीमा से सटे एक गांव में दुर्लभ प्रजाति का एक पैंगोलिन मिला है। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने पैंगोलिन मिलने की खबर वन विभाग को दी और वन विभाग ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। पैंगोलिन के सैलाब के साथ बहकर आने की आशंका जतायी जा रही है। वहीं जानकारी के मुताबिक इसे अररिया के रानीगंज वाटिका में छोड़ा जाएगा। लोगों की मानें तो यह एक विलुप्त हो रहे प्रजाति का पैंगोलिन है। खेत पर विचरण करते हुए इस पैंगोलिन पर लोगों की नजर पड़ी और उसके बाद ग्रामीणों ने इसे पकड़ लिया। वन विभाग दुर्लभ प्रजाति के इस जीव को अपने साथ लेकर चली गई है। मानव को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है। पैंगोलिन अक्सर रात के समय में ही भोजन की तलाश में बाहर निकलता है। लोगों को आशंका है कि यह दुर्लभ जीव नेपाल के जंगलों से भटक कर खेतों में आ गया होगा।
 इंडियन और चीनी पैंगोलिन भारत में पाया जाता है। इसे सल्लू सांप के नाम से भी पुकारा जाता है। पैंगोलिन जानवर का इस्तेमाल ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में किया जाता है। पैंगोलिन की हड्डियों और मांस की तस्करी अंतरराष्ट्रीय बाजार में होती है। इसका प्रयोग यौनवर्धक दवाओं के साथ कई अन्य तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है। इसके एक किलो मांस की कीमत करीब 27 हजार रुपये तक होती है।