स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज : पंचांग भेद के कारण जन्माष्टमी पर्व 18 व 19 अगस्त को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी पर दही हांडी फोड़ने की परंपरा काफी पुरानी है। इस परंपरा के पीछे भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की घटनाएं हैं।
दही हांडी परंपरा कुछ इस प्रकार है, बाल्यकाल में भगवान श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ मिलकर लोगों के घरों से माखन चुराकर अपने मित्रों को खिलते थे और स्वयं भी खाते थे। जब यह बात गांव की महिलाओं को पता चली तो उन्होंने माखन की मटकी को ऊंचाई पर लटकाना शुरू कर दिया था। जिससे श्रीकृष्ण का हाथ वहां तक न पहुंच सके। लेकिन नटखट कृष्ण माखन चुराने के लिए अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक पिरामिड बनाते और ऊंचाई पर लटकाई मटकी से दही और माखन चुरा लेते थे। इसी से प्रेरित होकर दही-हांडी का परंपरा शुरू हुआ।