टोनी आलम, एएनएम न्यूज: 15 अगस्त के दिन गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो बलात्कार कांड के दोषी 11 बलात्कारियों को जेल से रिहा करने का आदेश दिया गया था,इसके खिलाफ पूरे देश में नागरिक समाज में गुस्सा देखा जा रहा है आपको बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान इन 11 व्यक्तियों पर 5 महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ बलात्कार तथा उनकी 3 साल की बेटी को जान से मारने का आरोप लगा था जो बाद में अदालत में सजा हुआ था और उन को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। लेकिन हाल ही में 15 अगस्त के दिन कुछ कैदियों को जेल से रिहा किया गया जिनमें यह 11 लोग भी थे। इसी के खिलाफ आज जोड़ियां में आवास नामक संगठन की तरफ से एक विरोध सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मोहम्मद सलीम अंसारी नोमान, अफसर खान, कयूम बिनय हांसदा,मोहम्मद सलाउद्दीन सहित संगठन के तमाम सदस्य और पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे। इस मौके पर आवाज के पदाधिकारियों ने गुजरात सरकार द्वारा 11 बलात्कारियों को जेल से रिहा करने के फैसले की कड़ी निंदा की और कहा कि हमारी सभ्यता 5000 साल पुरानी सभ्यता है लेकिन इतनी पुरानी सभ्यता में कभी भी किसी बलात्कारी के पक्ष में कोई खड़ा नहीं हुआ लेकिन गुजरात सरकार ने बलात्कारियों के पक्ष में खड़े होने का फैसला दिया और उनको जेल से रिहा करने का आदेश जारी कर दिया। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने 15 अगस्त के दिन कुछ कैदियों को रिहा करने की सूची जारी की थी लेकिन इनमें बलात्कार जैसे संगीन आरोप में सजा काट रहे कैदी शामिल नहीं थे।