एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: 12 वर्षीय दिव्यांग बेटी का आधार कार्ड मांगने आई महिला की रड और डंडे से पिट -पिट कर हत्या। हत्या के मामले मे पुलिस ने महिला के पति को रंगे हाँथ किया गिरफ्तार। स्थानीय लोगों का आरोप शराब पीकर आए दिन अशोक अपनी पत्नी मंजू की बेरहमी से करता था पिटाई। पति के अत्याचारों से तंग आकर अपने नाबालिक बच्चों के साथ मजबूरन अपने मायके मे लेना पड़ा था शरण।
आसनसोल, कुल्टी के बराकर पुलिस फाड़ी के हॉस्पिटल मोड़ इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, इस घटना मे एक पति ने अपनी ही पत्नी को लोहे के रड और डंडे से कुछ इस कदर बेरहमी से पिटाई की के उसकी पत्नी पिटाई पीड़ा झेल नही पाई और उसकी मौत हो गई। आरोपी अशोक कुम्भकार की पत्नी मंजू कुम्भकार का कसूर केवल इतना था की वह अपने पति के द्वारा शराब के नशे मे छोटी -छोटी बातों को लेकर आए दिन झगड़ा करना व बेवजह उसकी पिटाई करने की घटना से तंग आकर वह अपनी तीन नाबालिक बच्चियों का भविष्य बनाने के लिये अपनी मायके में रह रही थी। जो उसके पति अशोक को गवारा नहीं था। 9 अगस्त को अशोक की पत्नी जब 12 वर्षीय मझली बेटी का आधार कार्ड मांगने बरकार पहुंची, अशोक अपनी पत्नी को अपने रूम के अंदर ले गया और मंजू की पिटाई लोहे के रड और डंडे से शुरू कर दी, मंजू अपने बचाव के लिये जोर -जोर से चीखती रही, चिल्लाती रही, पर अशोक की माँ ने बहार से कुण्डी लगा दी थी और मंजू के चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनकर मदद के लिये आने वाले लोगों को रोकती रही यह कहकर की मिया बीबी के झगडे मे जब वो खुद नही जा रही है तो बाहर के लोगों की क्या जरुरत है। जब मंजू के चीखने और चिल्लाने की आवाज बंद हुई तब अशोक रूम से बाहर निकला और अपनी माँ सरसवती देवी को कहा की उसने मंजू को जान से मार दिया है। अशोक की बात सुन सरस्वती रूम के अंदर गई, रूम के अंदर मंजू खून से लतपत जमीन मे पड़ी थी। मंजू का यह हालत देख अशोक और उसकी माँ भागने लगे, माँ बेटे को भागता देख स्थानीय लोगों ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया। स्थानीय लोगो ने अशोक और उसकी माँ सरस्वती को पकड़कर उनके घर वापस लाया और रूम मे देखा तो सबके पैरों तले मानो जमीन ही खिसक गई, आनन - फानन मे स्थानीय लोगों ने मंजू को उठाकर इलाज के लिये उसे अस्पताल भेजा पर मंजू ने बीच रास्ते मे ही दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी बराकर पुलिस फाड़ी के साथ -साथ कुलटी थाना पुलिस को दी जिसके बाद मौके पर पहुँची पुलिस ने हत्यारे अशोक को उसकी पत्नी की हत्या के आरोप मे गिरफ्तार कर लिया और मामले की छानबिन मे जुट गई।
घटना स्थल पर जमा भीड़ का फायदा उठाकर आरोपी अशोक की माँ सरस्वती भगाने मे सफल रही, वहीं मंजू की मौत के बाद उसकी तीन नाबालिक और मासूम बच्चियां बेसहारा हो चुकी हैं, उनके दुनिया मे आने के बाद पिता का जो प्यार उन्हें मिलना था वो प्यार तो उन्हें जीते जी मिल नही सका। जो माँ उनके पिता और माँ दोनों की कमियां एक साथ पूरा करती थी, उस माँ का भी साया उनके सर से हमेशा -हमेशा के लिये उठ गया, ऐसे मे स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन से यह अपील की है की अशोक की संपत्ति मे से उसकी बेटियों को भी हक़ मिलना चाहिए, अगर ऐसा नही हुआ तो उनका क्या होगा, वह दर -बदर की ठोकरें खाकर भूखमरी का शिकार हो जाएंगी।