स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: श्री कृष्ण के जन्मदिवस के ठीक 15 दिन बाद भाद्रपद शुक्ल की अष्टमी को राधाष्टमी पर्व मनाया जाता है। इस दिन राधा जी का जन्म हुआ था। इस बार राधाष्टमी 4 सितंबर की पड़ रही है। राधाष्टमी का पर्व खासतौर से मथुरा, वृंदावन, बरसाना आदि में धूमधाम से मनाया जाता है।
राधाष्टमी पूजा विधि :
हिंदू धर्म में राधाष्टमी के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन सुबह स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थान पर एक कलश जल रखें। चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और राधा रानी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद राधा रानी को पंचामृत से स्नान करवाया जाता है और उन्हें साफ वस्त्र पहना कर उनका ऋंगार किया जाता है। पूजा के दौरान राधा रानी को फल, फूल आदि अर्पित करें। इस दिन राधा रानी के साथ भगवान श्री कृष्ण की भी पूजा की जाती है। इस दिन राधा-कृष्ण के मंत्रों का जाप भी किया जाता है। इस दिन राधाष्टमी व्रत कथा का श्रवण जरूर करें। अंत में राधा-कृष्ण की आरती करते हुए उनका आशीर्वाद लें।