स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: कुंडली में मौजूद ग्रह हर व्यक्ति की जीवन को किसी न किसी तरह प्रभावित करते हैं। कई बार इन ग्रहों की शुभ स्तिथि व्यक्ति को उसके जीवन में बुलंदियों तक पंहुचा देती हैं और अशुभ स्थिति जीवन में बहुत कष्ट भी देती है। ऐसा अक्सर अशुभ ग्रहों की ख़राब दशाओं के कारण होता है। इन सब समस्याओं के लिए मुख्यतः तीन ग्रह राहु, शनि और मंगल जिम्मेदार होते हैं।
राहु ग्रह : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु ग्रह को छाया ग्रह माना जाता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु शुभ ग्रहों के साथ बैठा हो तो शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है, और अशुभ ग्रहों के साथ हो तो यह अशुभ फल देता है।
शनि ग्रह: शनि ग्रह को सबसे धीमी गति से चलने वाला माना जाता है, इसलिए यह किसी व्यक्ति की कुंडली में बहुत लंबे वक्त तक रहता है। शनि ग्रह कुंडली में साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा में होता है, वह व्यक्ति लंबे समय तक इससे कष्ट में रहता है।
मंगल ग्रह : मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति माना गया है। यह सभी ग्रहों में सबसे उग्र ग्रह है। जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल खराब स्थिति में होता है, वह व्यक्ति की जिंदगी में उथल-पुथल ला देता है।