एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: कबीर दास जी का एक दोहा ''गुरु गोविन्द दोऊ खड़े ,काके लागूं पांव, बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय'' बहुत प्रसिद्ध है। इसमें उन्होंने गुरु का जीवन में क्या महत्व होता है उसके सार को दो लाइन में समझा दिया है। एक अध्यापक आपको जीवन की सच्चाई से रूबरू कराता है। आपको सही गलत की पहचान कराता है।
* एक गुरु आपको समाज से जोड़ता है। वो आपको समाज में उठना बैठना बोलना सिखाता है। कब क्या बोलना है कब क्या कहना है इसका मार्गदर्शन करता है। एक शिक्षक आपको संवाद का तरीका बताता है।
* गुरु ही होता है जो आपको जीवन में अच्छे बुरे की पहचान कराता है। शिक्षक आपको समाज के असली चेहरे से रूबरू कराता है। अगर आप गलत रास्ते पर जाते हैं तो आपको सही रास्ते पर लाता है। उसकी सिखाई बातें जीवन भर आपके काम आती हैं।
* इसके अलावा एक शिक्षक आपके जीवन में कौन सा करियर अच्छा है आपके लिए उसके बारे में बताता है। शिक्षक सबसे बढ़िया शुभचिंतक होता है आपका। वह आपको अच्छी और बुरी परिस्थिति में कैसे अपने ऊपर संयम रखना है उसके बारे में बताते हैं। वह आपका पढ़ा लिखाकर एक अच्छे भविष्य की ओर अग्रसर करता है।
* हर व्यक्ति चाहता है कि वे अपनी जिंदगी में नई बुलंदियों को छूए. उसका लोग सम्मान करें। इसके लिए एक अच्छे शिक्षक की जरूरत होती है। एक गुरु बच्चे को पढ़ा-लिखाकर इस काबिल बनाता है कि वे अपने जिंदगी के नए आयामों को छू सके और अपने सपनों को हकीकत में बदल सके।