बचपन में चंद्रमा और तारे देखता था, वही बड़ा होकर दिखाया कमाल

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Harmeet
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बचपन में चंद्रमा और तारे देखता था, वही बड़ा होकर दिखाया कमाल

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: ग्वालियर के बहोड़ापुर में जाधव कॉलोनी में रहने वाले एक इंजीनियर बेटे प्रतीक त्रिपाठी ने नासा के चंद्रमा के लिए आयोजित मिशन आर्टेमिस-3 में योगदान देकर शहर के साथ ही देश का नाम भी रोशन किया। उन्होंने ना सिर्फ नासा के शोधकर्ताओं के साथ काम किया बल्कि अपने शोध कार्यों से नासा के वैज्ञानिकों का ध्यान भी आकर्षित किया है । प्रतीक की इस लगन और मेहनत को देखते हुए नासा के वैज्ञानिकों ने प्रतीक के इन मानकों पर विशेष ध्यान दिया है और प्रतीक ने अपना यह कार्य लूनर एंड प्लेनेटरी इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ डेविड क्रीम के मार्गदर्शन में पूरा किया। प्रदीक वर्तमान में जियोमैटिक्स इंजीनियरिंग ग्रुप के रिसर्च स्कॉलर हैं, और प्रोफेसर राहुल देव के अधीन में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने 2016 में ग्वालियर के ट्रिपल आईटीएम ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग से ब्रांच में टॉपर के रूप में बीई की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने एलपी आई और नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर द्वारा आयोजित इंटर्नशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया है ।

प्रतिक की मां उषा त्रिपाठी ने बताया उसे बचपन से ही तारे सितारे के बारे में जिज्ञासा रहती थी। वह बचपन में ही दूरबीन से तारों को देखता रहता था और वही बेटा आज उन्हीं पर बड़ी-बड़ी शोध करेगा।