स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: सनातन धर्म में त्योहारों की शुरुआत हो चुकी है। मुख्य त्योहारों में से एक नवरात्रि का पर्व 26 सितंबर से शुरु है। इन नौ दिनों में मातारानी के नौ स्वरूपों की आराधना करके आशीर्वाद लिया जाएगा। नवरात्रि पर्व का हर हिंदू धर्म को मानने वाले बेसब्री से इंतजार करते हैं। जगह-जगह बड़े-बड़े पंडाल लगाए जाते हैं। नवरात्रि के दिनों में गरबा खेलने की परंपरा काफी पुरानी है। इन दिनों पूरे देश में माता दुर्गा की पूजा और उनके जयकारे गूंजते हैं। खासकर गुजरात में डांडिया खेल कर इन नवरात्रि को कुछ खास अंदाज में मनाया जाता है। आइये जानते है नवरात्रि में क्यों खेला जाता है गरबा ?
नवरात्रि में गरबा और डांडिया खेलने की परंपरा कई वर्षों पुरानी है। पहले इसे भारत के गुजरात और राजस्थान जैसे पारंपरिक स्थानों पर खेला जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई है।
यदि हम गरबा शब्द की तरफ ध्यान दें तो यह शब्द कर्म और दीप से मिलकर बना है। नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के घड़े में बहुत से छेद करके इसके अंदर एक दीपक प्रज्वलित करके रखा जाता है। इसके साथ चांदी का एक का सिक्का भी रखते हैं। इस दीपक को ही दीप गर्भ कहा जाता है।
दीप गर्भ की स्थापना के पास महिलाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर माता शक्ति के आगे नृत्य कर उन्हें प्रसन्न करती हैं। यदि बात करें दीप गर्भ की तो यह नारी की सृजन शक्ति का प्रतीक है और गरबा इसी दीप गर्भ का अपभ्रंश रूप है।