स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: धर्मराज के दरबार में पाप पुण्य का लेखा जोखा रखने वाले, धर्माधर्म का हिसाब किताब करने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा है। भाई बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व भाई दूज 27 अक्तूबर को मनाया जाएगा। यह पर्व रक्षाबंधन के भी पहले से सनातनी संस्कृति का हिस्सा रहा है। स्कंद पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण दोनों में ही इसकी महत्ता वर्णित है। वहीं कायस्थ समाज के लिए यह दिन भगवान चित्रगुप्त पूजा के रूप में विशिष्ट मान्यता रखता है।
शुभ मुहूर्त- ज्योतिषों के अनुसार भाई दूज का पर्व मनाने का शुभ मुहूर्त बुधवार दोपहर 2:34 बजे से शुरू होकर गुरुवार दोपहर 1:18 बजे से 3:30 बजे तक चलेगा।
भाईदूज पूजन विधि- पूजा के लिए, एक थाली में एक गोल थाली, छोटा दीया, रोली टीका, थोड़ा चावल, नारियल, बताशा, मिठाई और कुछ पान के पत्ते होने चाहिए। बहन सबसे पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाती है, उसकी सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती है। बदले में भाई उसे उपहार, प्यार और गर्मजोशी से भर देता है। अलग-अलग घरों में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जा सकता है और मंत्र अलग-अलग हो सकते हैं।