पश्चिम बंगाल में जलवायु परिवर्तन धान की पैदावार को किया प्रभावित

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पश्चिम बंगाल में जलवायु परिवर्तन धान की पैदावार को किया प्रभावित

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: इस साल पश्चिम बंगाल में जलवायु परिवर्तन का अजीबोगरीब असर देखने को मिला। राज्य के अन्न भंडार क्षेत्रों में गैर-पारंपरिक वर्षा का पैटर्न रहा। धान की रोपाई के सबसे पीक समय जून और जुलाई में वर्षा की भारी कमी देखी गई और सितंबर के अंत और अक्टूबर में असाधारण रूप से अधिक बारिश हुई। प्रकृति की इन दो अनिश्चितताओं ने राज्य में धान के उत्पादन को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया, जिससे किसान संकट में हैं।

कोलकाता में मौसम कार्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार, इस साल जून में गंगीय पश्चिम बंगाल में वर्षा में 48 प्रतिशत की कमी थी। जुलाई में भी इस क्षेत्र में वर्षा 46 प्रतिशत के आसपास बनी रही। 2010 के बाद से गंगीय पश्चिम बंगाल में अब तक की सबसे अधिक वर्षा की कमी थी। जिसके कारण औस और अमन धान की खेती को प्रभावित किया है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार वर्षा की कमी ने सबसे पहले औस और अमन की बुवाई अवधि को प्रभावित किया है।