स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: सुख-समृद्धि और सौभाग्य की वर्षा करने वाले भोले शंकर की पूजा आप कभी भी किसी समय कर सकते हैं। प्रदोष काल में जो कि प्रतिदिन शाम के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है, उसमें विधि-विधान से जरूर पूजा करें।
सोमवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद शिवलिंग पर सबसे पहले तांबे के लोटे से गंगा जल या फिर शुद्ध जल चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शिव को गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करें और उसके बाद एक बार फिर शुद्ध जल से स्नान कराएंं। इसके बाद भगवान भोले नाथ को सफेद चंदन और भस्म से तिलक लगाकर सफेद पुष्प, धतूरा, बेलपत्र, शमीपत्र आदि चढ़ाएं। फिर द रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्र का जप और उसके बाद दीपक जलाकर आरती करें। पूजा के अंत में शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें और पूजा में की गई भूल-चूक के लिए माफी मांगते हुए अपनी मनोकामना महादेव के चरणों में अर्पण करें।