स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: हमारे देश में भगवान विष्णु के अनेक प्राचीन मंदिर हैं और इन मंदिरों में भगवान विष्णु की पूजा अलग-अलग रूपों व नाम से की जाती है। ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर है तिरुपति बालाजी का मंदिर।
मान्यता है कि मंदिर में स्थापित काले रंग की दिव्य मूर्ति किसी ने बनाई नहीं, खुद ही जमीन से प्रकट हुई थी। वेंकटाचल पर्वत को भी लोग भगवान का ही स्वरूप मानते है। इसलिए उस पर जूते लेकर नहीं जाया जाता। पहले कपिल तीर्थ पर स्नान करके कपिलेश्वर के दर्शन करना चाहिए। फिर वेंकटाचल पर्वत पर जाकर बालाजी के दर्शन करें। वहां से आने के बाद तिरुण्चानूर जाकर पद्मावती के दर्शन करने की परंपरा मानी जाती है।