स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: गंगा सागर की तीर्थ यात्रा को लेकर प्रचलित है कि 'सारे तीरथ बार-बार गंगा सागर एक बार। ' मान्यता है कि किसी श्रद्धालु को सभी तीर्थों की यात्रा से जो पुण्यफल प्राप्त होता है, वह सिर्फ गंगा सागर की तीर्थयात्रा में एक बार में ही प्राप्त हो जाता है।
मकर संक्रांति के दिन यहां स्नान करने पर 100 अश्वमेध यज्ञ करने का पुण्य फल प्राप्त होता है।
सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और श्रद्धालु को मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा सागर में स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। मान्यता है कि, मकर संक्रांति के दिन गंगा शिव की जटा से निकलकर पृथ्वी पर बहते हुए ऋषि कपिल मुनि के आश्रम में पहुंची थी।