स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आजादी से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेरठ घंटाघर को बहुत याद किया करते थे। देश की स्वाधीनता के लिए लोगों में जोश भरने मेरठ आए थे।
उस दौरान उन्होंने शहर के बीचोंबीच स्थित घंटाघर को देखा था और उन्होंने तहेदिल से इसकी तारीफ की थी। इस घंटाघर की खास बात यह थी कि हर घंटे बाद इसके पेंडुलम की आवाज करीब दस किलोमीटर तक पहुंचती थी। घंटे की आवाज सुनकर लोग समय का अंदाजा लगाते थे और अपना काम करते थे। शहर के बीचोंबीच होने के कारण यहां पर सभाएं होती थी। 1930 के दशक में नेताजी सुभाष चंद्रबोस ने टाउन हॉल में एक जनसभा की थी जिस सभा में उन्होंने लोगों में जोश भरा था। महात्मा गांधी और जवाहर नेहरू समेत कई बड़े नेताओं ने मेरठ में जनसभाएं की थी।