स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आज 21 जनवरी को मौनी अमावस्या का व्रत है। आज सुबह से ही गंगा सहित सभी पवित्र नदियों में लोग स्नान कर रहे हैं। उसके बाद सूर्य देव, भगवान विष्णु, पितर देव, शनि देव की पूजा कर रहे हैं। शनि देव की पूजा इसलिए हो रही है क्योंकि आज मौनी अमावस्या के साथ शनि अमावस्या भी है। आज के दिन मौन व्रत रखने या फिर कम से कम बोलने की कोशिश करते हैं। मौनी अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के भी उपाय किए जाते हैं। आइये जानते है मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
शुभ मुहूर्त:
माघ अमावस्या तिथि का प्रारंभ: आज, सुबह 06:17 बजे से
माघ अमावस्या तिथि का समापन: कल, तड़के 02:22 बजे पर
स्नान-दान का समय: सूर्योदय काल से
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:27 बजे से सुबह 06:20 बजे तक
पूजा विधि:
1. प्रात: स्नान के बाद सबसे पहले सूर्य देव का अर्घ्य दें। जल में काला तिल, फूल, लाल चंदन मिलाकर जल अर्पित करें।
2. इसके बाद पितरों को जल से तर्पण दें। पितरों को जल से तृप्त करना चाहिए। इससे वे सुख और शांति का आशीर्वाद देंगे।
3. अब आप भगवान विष्णु का पूजन करें। उनको पीले फूल, पंचामृत, तुलसी के पत्ते, वस्त्र, अक्षत्, हल्दी, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें। इस दौरान ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करें।
4. विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा और मौनी अमावस्या व्रत कथा का पाठ करें। इससे आपके दुख दूर होंगे और मनोकामना की पूर्ति होगी।