मनोकामना के अनुसार महाशिवरात्रि पर चढ़ाएं ये चीजें

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मनोकामना के अनुसार महाशिवरात्रि पर चढ़ाएं ये चीजें

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: सनातन धर्म में प्रत्येक माह पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। लेकिन फाल्गुन माह की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं शिवजी पर कौनसे पत्र चढ़ाने से क्या मनोकामना पूर्ण होती है।

परेशानियों को दूर करने के लिए
शिवपूजा में आंकड़े के फूलों का विशेष महत्व है। इसके फूलों की माला शिवलिंग पर चढ़ाई जाती है। अगर आप चाहें तो इस पौधे की पत्तियां भी शिवजी को चढ़ा सकते हैं। इनके शुभ प्रभाव से हमारी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

दुर्भाग्य दूर करने के लिए
शिवपुराण के अनुसार भोलेनाथ को आम के पत्ते अर्पित करने से वे अपने भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं, आर्थिक समस्या दूर होती है।

नकारात्मक विचारों को दूर करने के लिए
शिवलिंग पर धतूरा को अधिकतर लोग चढ़ाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, इस पौधे के पत्ते भी पूजा में चढ़ाएं जा सकते हैं। ये पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्त के सभी नकारात्मक विचार नष्ट होते हैं और सोच सकारात्मक बनती है।

ग्रहदोष निवारण के लिए
शास्त्रों के अनुसार पीपल की पूजा से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और इसके पत्ते शिवलिंग पर भी चढ़ा सकते हैं। पीपल के पत्तों पर श्रीराम का नाम लिखकर हनुमानजी को और शिवजी को, दोनों को चढ़ा सकते हैं। इस उपाय से ग्रहों के सभी दोष दूर सकते हैं।

शमी पत्र
शिवपुराण के अनुसार यदि शमी के वृक्ष के पत्तों को भी शिव पूजा में सम्मलित किया जाए तो भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामनाए शीघ्र पूरी करते हैं और उनके भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

भय नाश के लिए
भगवान गणेश को विशेष रूप से चढ़ाई जाने वाली दूर्वा शिवजी को भी चढ़ा सकते हैं। जो भक्त शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाता है, उसके सभी भय दूर हो सकते हैं।भगवान शिव को दूर्वा अर्पित करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।

सुख-समृद्धि के लिए

बेलपत्र में शिवजी का वास माना गया है व इसे भगवान शिव के तीनों नेत्रों का प्रतीक माना गया है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती को एक साथ बेल पत्र चढ़ाने से आपको सुख-समृद्धि,धन-ऐश्वर्य और शांति मिलती है।

मन के विकार दूर करने के लिए
शिवजी को भांग अतिप्रिय है। शिवलिंग पर भांग चढ़ाने से हमारे मन के विकार और बुराइयां दूर होती हैं। भांग एक औषधि है, मान्यता हैं कि जब शिव जी ने विष का पान किया था तब जहर का जहर से उपचार करने के लिए भांग के पत्ते देवताओं ने शिवजी पर चढ़ाए थे।