स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: धर्म ग्रंथों में होली मनाने की कई कारण बताए गए हैं। उन सभी में सबसे प्रमुख कथा होलिका और प्रह्लाद से जुड़ी है।
राक्षसों का राजा हिरयण्यकश्यप देवताओं का शत्रु था। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। हिरण्यकश्यप के बहुत समझाने पर भी जब प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी तो उसे यातना दी जाने लगी। फिर भी जब प्रह्लाद नहीं माना तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठने के लिए बताया। होलिका को अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त था लेकिन जब होलिका प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठी तो होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया। बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में ये पर्व मनाया जा रहा है।