स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: आधार कार्ड नकली नहीं है, लेकिन उसकी पहचान जरूर है। एक सनसनीखेज खुलासे में खुफिया एजेंसियों ने एक ऐसे रैकेट का खुलासा किया है, जहां पड़ोसी देशों से अपराधी मूल आधार कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बड़ी आसानी से हासिल कर रहे हैं। खुफिया एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां आतंकी संदिग्ध, स्लीपर सेल के सदस्य और बांग्लादेश और पाकिस्तान के अपराधी भारत-बांग्लादेश सीमा के साथ गुप्त रूप से भारत में घुस आए हैं और वहां पहुंचने में कामयाब रहे हैं। भारतीय दस्तावेज अधिकारियों ने दावा किया कि दस्तावेज नकली नहीं हैं, जिससे इस संदेह को बल मिलता है कि यह रैकेट सरकारी तंत्र में गहराई तक चलता है। स्लीथ्स ने यह भी उल्लेख किया कि ये व्यक्ति कानूनी व्यवस्था के माध्यम से अपना रास्ता बदलने का प्रबंधन भी कर रहे हैं। हाल ही में, खुलना का एक बांग्लादेशी अपराधी चंदन मंडल बांग्लादेशी से पार कर अब्दुल खालेक मंडल बन गया और प्रामाणिक सरकारी दस्तावेज हासिल करने में कामयाब रहा। एक अधिकारी ने कहा, "ये व्यापक प्रभाव वाले राष्ट्र विरोधी कार्य हैं।"