टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: पेट्रोलियम उत्पादों की आसमान छूती कीमतों से मध्यम वर्ग का बजट गड़बडा गया है। एक तरफ लंबा लॉकडाउन तो दूसरी तरफ बेरोजगारी। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, जिससे आम आदमी काफी परेशान है। आम लोग मुश्किल में हैं, उन्हें अपने दैनिक जीवन में बड़ी कटौती करनी पड़ती है। तेल, दाल और सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ गई हैं। बाजार में आए खरीदार कह रहे हैं कि वह एक महीने के लिए जितना सामान खरीदते थे उसका आधा खरीदना होगा। सब्जियों की आसमान छूती कीमतों के परिणामस्वरूप रोज के खाना पकाने में सब्जियों की मात्रा कम रखी जा रही है। नतीजतन, परिवार के सदस्य कुपोषण से पीड़ित हो सकते हैं। वहीं पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल के कारण उनको किराए के रुप मे ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। जमुड़िया के विधायक हरेराम सिंह ने बढ़ती महंगाई के लिए केंद्र सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि महामारी की स्थिति में भले ही आंदोलन न हुआ हो, लेकिन लॉकडाउन के बाद पार्टी द्वारा एक बड़ा आंदोलन किया जाएग।