स्टॉफ रिर्पोटर, एएनएम न्यूज़ : 4 दिसंबर के दिन यानी शनिवार को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ये साल का आखिरी ग्रहण भी होगा। इस दिन शनि अमावस्या भी है। एक ही दिन दोनों का होना अद्भुत संयोग माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक देश के किसी भी हिस्से से सूर्य ग्रहण नहीं दिखने के कारण इसका कोई कुप्रभाव देश में नहीं पड़ेगा। इसलिए सूतक भी नहीं माना जाएगा।
बता दें कि सूतक काल को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अशुभ समय माना जाता है। कहा जाता है कि इस खास समय कुछ विशेष काम करने से ग्रहण की निगेटिव ऊर्जा और प्रभाव दोनों को खत्म किया जा सकता है। मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या में लगने वाले सूर्य ग्रहण का काफी महत्व होता है। सूतक न होने के चलते मंदिर खुले रहेंगे। घर और मंदिरों में पूजा पाठ चलते रहेंगे।
यह ग्रहण भारतीय समयानुसार ये ग्रहण 4 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक रहेगा यानी पूरा ग्रहण चार घंटे 8 मिनट का होगा। यह ग्रहण वृश्चिक राशि में होगा। ग्रहण के समय वृश्चिक राशि में सूर्य, केतु, चंद्रमा और बुध ग्रह साथ में रहेगा और इस पर राहु की दृष्टि बनी रहेगी। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।