स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: अब शर्ट-पैंट, बिना सिले या रेडीमेड-गारमेंट्स के दाम जैसे पहुंच से बाहर दिख रहे थे। अब शादियों का सीजन हो तो खरीदारी की लिस्ट में सबसे पहले कपड़े ही तो आते हैं। अभिषेक का पूरा बजट ही गड़बड़ा गया है और उनकी हैरानी वाजिब है। ऐसे समझिए कि गुजरे 10-11 महीनों में गारमेंट्स की कीमतों में 20 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं, ये पूरा महामारी का दौर रहा है, डिमांड कम रही है। इसके बावजूद कपड़ों में महंगाई आई है और कंज्यूमर्स की जेब पर ये भारी पड़ रही है। अब जरा गहराई में जाकर देखते हैं कि आखिर गारमेंट सेक्टर में हो क्या रहा है? गुजरे शुक्रवार देश के सबसे बड़े गारमेंट हब तिरुपुर में करीब 6,000 यूनिट्स ने एक दिन के लिए कामकाज बंद कर दिया और इंडस्ट्री से जुड़े लोग भूख हड़ताल पर बैठ गए। इस एक दिन में ही यहां 120 करोड़ रुपये का लॉस हुआ। दरअसल, पूरी गारमेंट इंडस्ट्री ही धागों में आई महंगाई से परेशान है। ये लोग इसके एक्सपोर्ट पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं।