स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बार्डर पर चल रहे धरने पर बनाए पक्के घरों को अब किसानों द्वारा तोड़ा जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन दोआबा के प्रधान द्वारा ये घर बनाए गए थे। अब इन पक्के मकानों को हटाकर हाईवे खाली किया जा रहा है। यूनियन के प्रधान गुरमुख सिंह ने बताया कि इस घर को बनाने में करीब साडे 300000 का खर्च आया था। इस घर में तीन कमरे थे, जिसमें महिलाओं के लिए अलग रूम और पुरुषों के लिए 2 अलग रूम तैयार किए गए थे । किसानों का कहना है इस घर में लगाई हुई ईट वह अपने घर ले जाएंगे और ले जाकर के अपने गांव में दिखाएंगे कि आखिर किस प्रकार वह इन्हीं ईटों से घर बनाकर बार्डर पर रह रहे थे।