मैथन की हसीन वादियो में गंदा धंधा

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Harmeet
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मैथन की हसीन वादियो में गंदा धंधा

राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़, सलानपुर: "गंदा है पर धंदा है ये", देशभर में पर्यटक स्थल के नाम से मशहूर मैथन डैम की हसीन वादियां पर भी माफिया की बुरी नजर पड़ चुकी है। चंद रुपयों के लिए ये माफिया कुछ रसूखदार लोगों की मुख्य गर्म कर देश की करोड़ों की संपत्ति की लूट कर रहे हैं और मैथन की प्राकृतिक सौंदर्य को खतरे में डाल रहे हैं।

क्वार्ट्ज पत्थर की तस्करी के लिये माफियाओं ने पहाड़ खोद कर बना डाला खदान।

आसनसोल के मैथन और आसपास के इलाकों जैसे देंदुआ, रामडी, कालीपत्थर, सिधाबाड़ी, बथानबाड़ी, बाराभुई से इन दिनों बड़े पैमाने पर क्वार्ट्ज पत्थर की अवैध रूप से तस्करी की जा रही है, दिन के उजाले में ही ये पत्थर तस्कर पत्थरों को सलानपुर के विभिन्न कारखानों में चंद रुपयों में बेच रहे हैं। पत्थरों की दिन प्रतिदिन खपत बढ़ते देख क्वार्ट्ज पत्थर की लालच में पत्थर माफियाओं ने देन्दुआ ग्राम स्थित धोह पहाड़ी को खदान में बदलने का मामला प्रकाश में आया है, जो कि देखते ही देखते पहाड़ के सलंग्न क्षेत्र में पेड़ो की कटाई कर कई फिट का खदान बना दिया है।

वही ग्रामीणों को जब घटना की खबर मिली तो उन्होंने ने प्रकृति के सौन्दर्य को बचाने के लिये, घटना स्थल पर पहुँचे, जहाँ ग्रामीणों ने पाया कि पहाड़ के निचले क्षेत्र में बड़े पैमाने पर क्वार्ट्ज पत्थर को निकालने के लिये पहाड़ को काटा जा चुका है और ग्रामीणों ने क्षेत्र में चल रहे इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए कमर कस ली। ग्रामीणों ने एक स्थानीय व्यक्ति समेत ट्रैक्टर को रंगे हाथों धर दबोचा। सूचना सलानपुर थाना एंव कल्याणेश्वरी फाड़ी पुलिस को दी गयी, घटना स्थल से कल्याणेश्वरी फाड़ी पुलिस ने एक ट्रैक्टर एंव फावड़ा, कुदाल, हथौड़े, खंती सहित अन्य सामान जब्त कर लिया साथ ही जल्द कार्रवाई करने के आश्वासन दिया।

घटना को लेकर देन्दुआ पंचायत के उपप्रधान रंजन दत्ता ने कहा कि कुछ पत्थर माफिया अवैध रूप से एक साथ मिलकर प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट कर रहे है। पत्थर माफियाओं ने पहाड़ एंव उसके निचले क्षेत्रो के पेड़ों को काट कर पत्थर का अवैध खदान बना दिया है। हमे जैसे ही सूचना मिली हमने घटना स्थल से एक व्यक्ति एंव एक ट्रैक्टर को पकड़ा है। पुलिस की इस कार्यवाही के बाद पत्थर माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। वही पुलिस मामले की तह तक जाने की बात कर रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या कानून के हाथ इन अवैध पत्थरों को चंद पैसों में खरीद रहे फैक्ट्री मालिकों के गिरेबान तक पहुंच पाएगी या फिर कुछ दिनों बाद मामले की लीपापोती हो जाएगी।