स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: पटना हाईकोर्ट ने मृत रेल कर्मी की दूसरी पत्नी के बच्चे को अनुकंपा पर नौकरी देने का आदेश दिया है। सूत्रों की अनुसार रेलवे में गेटमैन के पद पर कार्यरत कर्मी धर्मानंद झा की मृत्यु 28 जनवरी 2007 को हो गई थी। मृत्यु के बाद अनुकंपा पर बहाली के लिए दूसरी पत्नी के पुत्र बाबू झा ने रेलवे को आवेदन दिया था। लंबा समय बीतने के बाद भी रेलवे बोर्ड के तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की। बाद में पटना स्थित केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में अर्जी दायर की। केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल पटना बेंच ने 26 अप्रैल 2019 को उनके अर्जी को खारिज कर दिया। इस आदेश को चुनौती दी गई पटना हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर के । आवेदिका के वकील एमपी दीक्षित का कहना था कि हाईकोर्ट सहित सुप्रीम कोर्ट ने दूसरी पत्नी के बच्चे को वैध करार देते हुए उन्हें अनुकंपा पर बहाली करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि रेलवे दूसरी पत्नी के बच्चे को अनुकंपा पर बहाली करने से इनकार नहीं कर सकता है। हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 16 के तहत दूसरी पत्नी के बच्चे जायज होते हैं। पटना हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने जब दूसरी पत्नी के बच्चे को जायज ठहराते हुए अनुकंपा पर बहाली करने का आदेश दिया है तो फिर रेलवे बोर्ड 2018 में सर्कुलर कैसे जारी किया दूसरी पत्नी के बच्चे को अनुकम्पा पर बहाली नहीं करने का। कोर्ट ने 2018 सर्कुलर को निरस्त करते हुए ईस्ट सेंट्रल रेलवे हाजीपुर के जीएम को दूसरी पत्नी के बच्चे को अनुकंपा पर बहाली करने के बारे में कार्रवाई करने का आदेश दिया है।