टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: संग्रामी जौथ मंच की तरफ से आज पांडवेश्वर में आंगनबाड़ी केंद्र में ज्ञापन सोपा गया। इस बारे में जानकारी देते हुए संगठन के नेता ने बताया कि विभिन्न मुद्दों को लेकर आज यह ज्ञापन सोपा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में काम कर रहे महिलाओं को सही समय पर उनका वेतन नहीं मिलता, इसके अलावा उनको और भी जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिलती। उनको बेवजह परेशान किया जाता है। उन्होंने कहा कि इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज यहां पर ज्ञापन सोपा जा रहा है, इसके अलावा सामग्री के रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाली महिलाओं को जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है उसको लेकर संगठन की तरफ से पहले से ही आंदोलन किया जा रहा है। जैसे सरकार की तरफ से कहा जा रहा था कि आंगनबाड़ी केंद्र की महिलाओं को उनको काम को और बेहतर ढंग से करने के लिए मोबाइल दिया जाएगा, लेकिन अभी तक उनका मोबाइल प्रदान नहीं किया गया है, जबकि उनसे उसे स्तर का काम करने की उम्मीद लगाई जा रही है, जो कि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पांडवेश्वर ही नहीं उनके संगठन की तरफ से पूरे राज्य में इस तरह से यह अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज आंगनबाड़ी केदो में क्योंकि गर्भवती महिलाएं और शून्य से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चे आते हैं। उनको यहां पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराए जाने की बात कही जाती है। इसलिए यह अभियान और भी ज्यादा जरूरी हो गया है क्योंकि पता चला है कि यहां पर जो राशि उपलब्ध कराई जाती है उसमें औसतन सब्जी के लिए 11 पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में यह हास्यास्पद है और इन्हीं सब मुद्दों को ठीक करने के लिए उनके संगठन की तरफ से लगातार यह अभियान चलाया जा रहा है। वहीं इस आंगनवाड़ी केंद्र की कुछ कर्मियों ने भी अपनी परेशानियों को हमारे कमरे के सामने बयान किया। उन्होंने कहा कि जो सामग्री उनको उपलब्ध कराई जाती है ऐसे में वह जो माताएं हैं उनको जिस तरह की भोजन वह उपलब्ध करा सकती हैं बच्चों को नहीं कर पाती, जिससे एक मां होने के नाते उनका भी बुरा लगता है। वही एक अन्य आंगनबाड़ी कर्मी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र में भोजन बनाने के लिए आलू आता है लेकिन आलू के बोरे में 50 किलो आलू रहने की बात भले कहीं जाती है लेकिन उतना आलू रहता नहीं है। चावल के बोरे में भी इस तरह से हेर फेर रहता है लेकिन यहां की आंगनवाड़ी कर्मीयां जब इस बात को सामने लाती है तो उनके अधिकारियों द्वारा उनकी बातों को नजरअंदाज किया जाता है। यहां तक की कुछ कर्मियों के खिलाफ अधिकारियों द्वारा कड़े प्रशासनिक कदम भी उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन्हीं सब मुद्दों की वजह से आज आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को वह सव नहीं मिल पा रही है जिसके वह हकदार हैं।
बेवजह परेशान करने का आरोप, विभिन्न समस्याओं को लेकर सोपा ज्ञापन
यहां तक की कुछ कर्मियों के खिलाफ अधिकारियों द्वारा कड़े प्रशासनिक कदम भी उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन्हीं सब मुद्दों की वजह से आज आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को वह सव नहीं मिल पा रही है जिसके वह हकदार हैं।
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