स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक युवा जोड़े की शादी को रद्द करने का फैसला सुनाया। दरअसल, शख्स शादी को सफल बनाने में सक्षम नहीं हो सका था, इसी को देखते हुए अदालत ने माना कि पीड़िता की मानसिक स्थिति के लिए शादी रद्द करना ही ठीक है।
न्यायमूर्ति विभा कंकणवाड़ी और न्यायमूर्ति एसजी चपलगांवकर की खंडपीठ ने 15 अप्रैल के फैसले में यह भी कहा कि यह उन युवाओं की मदद करने का मामला है, जो विवाह के बाद मानसिक, भावनात्मक या शारीरिक रूप से एक-दूसरे से जुड़ नहीं पाते हैं।