एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: 28 मई को देश एक हजार करोड़ की लागत से बनी नई संसद का दीदार करेगा। नई संसद लगभग ढाई साल में बनकर तैयार हुई है। इन दिनों नई संसद राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। 19 विपक्षी दलों ने नई संसद के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने की बात कही है। इन सभी दलों का आरोप है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार करते हुए पीएम मोदी (PM Modi) के हाथों नए सांसद उद्घाटन होगा। इस मामले में अब असम (Assam) के मुख्यमंत्री (CM) हिमंत बिस्वा सरमा की एंट्री हुई है, उन्होंने आंकड़े देकर कांग्रेस (Congress) समेत विपक्ष दलों को आईना दिखाया है। इसके साथ ही सरमा ने पीएम की बजाय राष्ट्रपति द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन करने पर भी विपक्ष को आड़े हाथों लिया। सीएम हिमंत सरमा (Himanta Sarma ) ने अपने ट्वीट में विपक्षी दलों को उदाहरण देते हुए बताया कि, 2014 में यूपीए के मुख्यमंत्री ने असम और झारखंड में विधानसभा की बिल्डिंग का उद्घाटन किया था उसमें राज्यपाल को निमंत्रण नहीं किया था। इसके अलावा 2018 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नए विधानभवन की उद्घाटन किया था जिसमें गवर्नर को आमंत्रण नहीं किया। साल 2020 में सोनिया गांधी ने विधानसभा का शिलान्यास किया था राज्यपाल को नहीं बुलाया। वहीं 2023 में तेलंगाना के सीएम द्वारा असेंबली का उद्घाटन किया था। उस वक्त राज्यपाल को नहीं बुलाया गया था।