शवों को पहचानना चुनौतीपूर्ण, परिवार के लोग लगा रहे है अस्पतालों और मुर्दाघरों में चक्कर : Odisha Train Accident

रेलवे अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना के लगभग 30 घंटे बाद, मुर्दाघर में लाए जाने पर कई शव पहले ही क्षत-विक्षत हो चुके थे। इस चिलचिलाती गर्मी में, कई शव सड़ने लगे थे। ऐसे में अधिकारी डीएनए पहचान पर भरोसा कर रहे हैं। 

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Jagganath Mondal
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challenging to identify dead bodies

एएनएम न्यूज, ब्यूरो : सोमवार को :रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि भारत की सबसे खराब ट्रेन दुर्घटनाओं (Train Accident) में से एक है बालासोर (Balasore) ट्रेन दुर्घटना। दुर्घटना स्थल पर घायल और मृत यात्रियों की तलाश आधिकारिक रूप से समाप्त हो गई है। लेकिन कई लोगों के लिए खोज अभी खत्म नहीं हुई है। वे अपने प्रियजनों के लिए बालासोर, कटक और भुवनेश्वर में अस्पतालों (hospitals) और मुर्दाघरों में चक्कर लगा रहे हैं। उनमें से कुछ बंगाल से हैं। 

बालासोर में मौजूद रहे रेलवे के एक चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि “स्थिति बीमार है। कई शव (dead body) इस हद तक क्षत-विक्षत हो गए हैं कि पहचान करना (identify) परिवार और दोस्तों के लिए चुनौतीपूर्ण है। उनमें से कुछ फूले हुए हैं, कुछ के चेहरे पहचान से परे हैं।” सूत्रों के मुताबिक एक अन्य रेलवे अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना के लगभग 30 घंटे बाद, मुर्दाघर में लाए जाने पर कई शव पहले ही क्षत-विक्षत हो चुके थे। इस चिलचिलाती गर्मी में, कई शव सड़ने लगे थे। ऐसे में अधिकारी डीएनए पहचान पर भरोसा कर रहे हैं।