एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : ऑल इंडिया लीगल एड फोरम के महासचिव और सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील जॉयदीप मुखर्जी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के लिए यूनुस सरकार पर आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने शनिवार को अजरबैजान के बाकू से जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त को पत्र लिखकर शिकायत की, "यूनुस सरकार ने मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है!"
जानकारी के मुताबिक जॉयदीप मुखर्जी ने अपने पत्र में कहा, "हम अखिल भारतीय कानूनी सहायता मंच की ओर से बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। इस तरह का उत्पीड़न, साथ ही हिंदू धार्मिक नेताओं की मनमानी हिरासत, मौलिक मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन है। बांग्लादेश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हिंदुओं के खिलाफ अभद्र भाषा फैलाने और हिंसा भड़काने का एक साधन बन गए हैं।" उनकी गतिविधियों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, मंदिरों को नष्ट करना, परिवारों को उनके घरों से बेदखल करना और समुदाय के नेताओं का मनमाना उत्पीड़न शामिल है। हिंदू धार्मिक नेताओं को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया जा रहा है और उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। इन मुद्दों को हल करने में बांग्लादेश सरकार की निष्क्रियता संकट को और बढ़ा रही है।
जॉयदीप बाबू ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त से अपील करते हुए कहा, "युनुस सरकार पर दबाव डालें कि वह हिरासत में लिए गए हिंदू धार्मिक नेताओं को तुरंत रिहा करे और उनके खिलाफ सभी झूठे मामले वापस ले, नफरत फैलाने वाले भाषणों को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सख्त कानून बनाए, हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की जांच करने और अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए एक स्वतंत्र तंत्र स्थापित करे और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा और अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मजबूत कानून बनाए।"
चूंकि ये उपाय मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा और नागरिक तथा राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध से जुड़े हैं, जिनका बांग्लादेश में उल्लंघन हो रहा है, इसलिए इन्हें रोकने तथा बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकार सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।