2017 में जाना पड़ा था जेल, 2024 में मनाया अकाल दिवाली (Video)

2017 में रामनवमी के जुलूस में शामिल होने के लिए उन पर कैस भी दर्ज हुआ था उनको जेल भी जाना पड़ा था तब से उन्होंने ठान लिया था कि जब भी राम मंदिर की स्थापना होगी वह यह कार्यक्रम करेंगे। 

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Jagganath Mondal
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Akal Diwali celebrated

टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : आख़िरकार 500 साल का संघर्ष ख़त्म हुआ। अयोध्या के रामलला अपने स्थान पर लौट आए और इसी ऐतिहासिक पल को लेकर देश समेत दुनिया भर में अकाल दिवाली मनाई जा रही है। कल 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की और उस खुशी की कई तस्वीरें देश के कोने-कोने में देखी जा सकती हैं। आज 23 जनवरी 2024 को देश के इस ऐतिहासिक पल की खुमारी अभी खत्म नहीं हुई है, चारों तरफ अकाल दिवाली मनाई जा रही है और इसका एक नजारा रानीगंज के शिशु बागान इलाके में देखने को मिला। पिछले 24 घंटे के महायज्ञ के बाद 3000 गरीबों के लिए पंगक्ति भोजन का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व क्षेत्र के निवासी युवराज पांडे ने किया। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को यानि कल जो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी उसे लेकर वह बेहद गौरवान्वित है। 2017 में रामनवमी के जुलूस में शामिल होने के लिए उन पर कैस भी दर्ज हुआ था उनको जेल भी जाना पड़ा था तब से उन्होंने ठान लिया था कि जब भी राम मंदिर की स्थापना होगी वह यह कार्यक्रम करेंगे। 

उन्होंने कहा कि आज यहां पर रामायण पाठ किया गया, दीप ज्योति जलाया और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें तकरीबन 3000 लोगों ने भोजन किया। उन्होंने कहा कि वह हर साल इस दिन को मनाना चाहेंगे और उन्होंने रानीगंज वीडियो से भी हर साल 22 जनवरी को भव्य तरीके से इस दिन को मनाने का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। दूसरी तरफ आसनसोल नगर निगम के एमएमआईसी दिव्येंदु भगत ने कहा कि कल राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा हुई, इसे लेकर पूरे देश में उत्साह है। उन्होंने कहा कि रानीगंज में जितना इस तरह की पूजा अर्चना होगी रानीगंज और विकसित होगा। रानीगंज के लोगों का पुण्य और बढ़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे कि कल राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रैली के माध्यम से संदेश दिया कि यह प्रदेश सर्व धर्म समभाव का प्रदेश है और यहां पर सभी धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं और प्रदेश के इसी विरासत को आगे लेकर जाना है।