एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: पंचायत चुनाव से पहले तृणमूल ने नवजोवर यात्रा आयोजित करने वाले पार्टी सदस्यों और आम लोगों की राय के आधार पर पंचायत उम्मीदवारों का चयन किया। पार्टी प्रमुख अभिषेक बनर्जी ने उस वक्त साफ कर दिया था कि अब से पंचायतों के सभी कामकाज की 'समीक्षा' की जाएगी। यदि कोई काम नहीं करता है, तो आपको पद छोड़ना होगा। इस मुद्दे पर तृणमूल ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। जन प्रतिनिधियों को पंचायत क्षेत्र के लोगों की शिकायतों से रूबरू होना पड़ता है, तृणमूल एक विशेष बांड पर हस्ताक्षर कर रही है जिसमें कहा गया है कि उन्हें विशेष रूप से मेहनती रहना होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो पार्टी इस पर पैनी नजर रखेगी कि मुखिया से लेकर उपप्रमुख, अध्यक्ष से लेकर उपाध्यक्ष तक सभी अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा रहे हैं या नहीं? अनुशासन का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। सत्ताधारी दल ने पंचायत पदाधिकारी अधिनियम का हवाला देते हुए पंचायत और जिला परिषद के जन प्रतिनिधियों से भरने के लिए एक फॉर्म तैयार किया है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि सेवा प्रदान करने में विफल रहने पर संबंधित जन प्रतिनिधि को हटा दिया जाएगा।