स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : सुशील दीक्षित (Sushil Dixit), जो बंगाल सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग से 2006 में सेवानिवृत्त हुए, विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (Darjeeling Himalayan Railway) की टॉय ट्रेन (toy train) को बढ़ावा देने के मिशन पर हैं। विशेष रूप से युवाओं के बीच, ट्रेनों के मॉडल और डीएचआर की कुछ प्रमुख संपत्तियों को बनाकर। दीक्षित ने बताया “डीएचआर शायद पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (Northeast Frontier Railway) की एकमात्र विरासत संपत्ति है, और इसके संरक्षण के लिए रेलवे में प्राधिकरण से अधिक ध्यान देने योग्य है। दुर्भाग्य से, यह कमी लगती है। मैं इसके मॉडल (model) बनाकर और उन्हें उजागर करके कार्य को आगे बढ़ाना चाहूंगी, ताकि युवा पीढ़ी अपनी विरासत रेलवे और इसकी महिमा के बारे में जान सके।”