पश्चिम बर्दवान यूथ कांग्रेस कमेटी भंग

पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि नेतृत्व में ऐसे लोग रहें जो जमीनी स्तर पर काम करें और जनता की समस्याओं के लिए लड़ें। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस की यह पहल संगठनात्मक मजबूती की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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Jagganath Mondal
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Paschim Burdwan Youth Congress Committee

Paschim Burdwan Youth Congress Committee

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है और इसी क्रम में राहुल गांधी की "एकला चलो" नीति अब ज़मीनी स्तर पर भी दिखाई देने लगी है। इस नीति के तहत संगठन को मजबूत करने और निष्क्रिय नेतृत्व को हटाने का सिलसिला शुरू हो गया है।

10 मार्च 2025 को पश्चिम बंगाल प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अजहर मोल्लिक के नेतृत्व में एक बड़ा फैसला लिया गया। पश्चिम बर्दवान जिला यूथ कांग्रेस कमेटी को पूरी तरह भंग कर दिया गया। इस निर्णय के पीछे संगठन की निष्क्रियता और पिछले एक साल से पार्टी नेतृत्व द्वारा सुझाए गए किसी भी कार्यक्रम के आयोजन में विफलता बताई गई। प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अजहर मोल्लिक के अनुसार, "भारतीय युवा कांग्रेस के नियमों के अनुसार, एक सक्रिय और जवाबदेह नेतृत्व की आवश्यकता होती है। यह कमेटी लंबे समय से निष्क्रिय थी और आवश्यक राजनीतिक गतिविधियों को संचालित करने में असफल रही। इसलिए, इसे तत्काल प्रभाव से भंग करने का निर्णय लिया गया।"

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी राजेश सिन्हा ने इस महत्वपूर्ण निर्णय को मंजूरी दे दी है। प्रदेश नेतृत्व ने साफ किया है कि जल्द ही नए सिरे से कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें ज़िला और ब्लॉक स्तर पर प्रभावी और मेहनती कार्यकर्ताओं को ज़िम्मेदारी दी जाएगी। कांग्रेस का यह कदम संगठन को पुनः सक्रिय करने और चुनावी रणनीति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि नेतृत्व में ऐसे लोग रहें जो जमीनी स्तर पर काम करें और जनता की समस्याओं के लिए लड़ें। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस की यह पहल संगठनात्मक मजबूती की दिशा में एक बड़ा कदम है।