एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: 9 सितंबर को मुख्यमंत्री ने नवान्न से कहा, 'एक महीना और एक दिन बीत गया, अब पूजा पर लौटें, उत्सव पर लौटें।' उनकी इस टिप्पणी से प्रदर्शनकारी और अन्य अधिक लोग नाराज हो गये। विरोध नारे में एक और नारा जुड़ गया। "मैं उत्सव में नहीं लौट रहा हूँ"। अन्य लोग कहते हैं, "यह उत्सव नहीं है, यह एक उत-शव है।" खास करके पूजा के माहौल में भी कई प्रसिद्ध पूजा मंडपों ने सरकार का पूजा अनुदान लौटा दिया है। उनका यह निर्णय मुख्यमंत्री की उस बातों का विरोध में है। लेकिन क्या टीएमसी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की सोच में इतनी बदल आई है?
अशोकनगर से तृणमूल विधायक नारायण गोस्वामी ने इस मुद्दे पर विवादित टिप्पणी करके तृणमूल की स्थिति स्पष्ट कर दी है। अशोकनगर से तृणमूल विधायक और उत्तर 24 परगना के तृणमूल जिला अध्यक्ष नारायण गोस्वामी ने इस बार घोषणा की, 'पिछले साल की तुलना में इस साल त्योहार का मूड दोगुना होगा। इस बार त्योहार बड़ा होगा। यानी जो लोग कहते थे, 'त्योहार में नहीं', विधायक ने उन्हें इस दिन चुनौती दी। तृणमूल विधायक नारायण गोस्वामी ने धमकी दी कि त्योहार उन्हें दिखा कर सार्वजनिक रूप से मनाया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक नारायण गोस्वामी यहीं नहीं रुके। साथ ही तिर्यकपूर्ण भाषा में कहा, "जिन्होंने विरोध जताने के लिए पूजा का अनुदान लौटा दिया, आज वे पैसे के लिए इधर-उधर चक्कर लगा रहे हैं। और उन्हें पैसे वापस नहीं मिल रहे हैं। हां, अगर वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को स्वीकार करते हैं, तो इस पर विचार किया जाएगा।" तृणमूल विधायक की इस टिप्पणी के बाद विभिन्न महल में फिर से तनाव फैल गया है।