एएनएम न्यूज, ब्यूरो : बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Shyama Prasad Mukherjee) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के उत्थान में एक बड़ी भूमिका निभाई थी। जब एकमात्र सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में कांग्रेस लीग सरकार के प्रति उदासीन थी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी उस समय की नीतियों के सबसे प्रमुख सदस्यों में से एक थे। उन्होंने मुस्लिम लीग (muslim league) की साम्प्रदायिक नीतियों और तत्कालीन सरकार की प्रभावशीलता का हर मोर्चे पर खुलकर विरोध किया। तत्कालीन सरकार द्वारा कलकत्ता म्युनिसिपल बिल बंगाल विधानसभा में पेश किया गया था, जिसके तहत मुसलमानों के लिए अलग चुनाव का प्रावधान था। उस समय यदि कोई एक नेता था जिसने विधेयक का कड़ा विरोध किया, तो वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। लीग सरकार हिंदू बहुल क्षेत्रों में हिंदुओं की भागीदारी को सीमित करने की साजिश कर रही थी, जिसका उन्होंने विरोध किया। आरोप है कि सरकार की योजना हिंदुओं को अलग-थलग करने और बंगाल को पाकिस्तान (Pakistan) का हिस्सा बनाने की थी।