स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: चैत्र नवरात्रि का महत्व इसी बात से स्पष्ट होता है कि इसी दिन परम पिता ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पूजा पाठ यज्ञ हवन आदि के लिए श्रेष्ठ अवधि होता है। मां भगवती की पूजा उपासना के लिए भी यह समय श्रेष्ठ होता है, तभी तो चैत्र नवरात्रि का आरंभ इसी दिन से हो जाता है। घरों में कलश स्थापना का प्राचीन परंपरा है। कलश स्थापना कब किया जाए, किस मुहूर्त में किया जाए इसका बड़ा महत्व है। इस वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 2 अप्रैल 2022 दिन शनिवार को हो रहा है चढ़ती का व्रत 2 अप्रैल को किया जाएगा। प्रतिपदा से लेकर के नवमी पर्यंत माता भगवती के नौ रूपों की उपासना की जाती है, पूजा की जाती है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सूर्योदय काल से लेकर के प्रतिपदा तिथि पर्यंत 12:28 तक श्रेष्ठ समय है। यद्यपि पूरे दिन भर कलश स्थापना किया जा सकता है फिर भी प्रतिपदा तिथि में ही कलश स्थापना का विशेष विधान है। सूर्योदय से लेकर के दिन में 12:28 तक कलश स्थापना कर लिया जाए तो अति उत्तम होगा उसमें भी यदि शुभ चौघड़िया प्राप्त हो जाए तो और भी शुभ फल की वृद्धि हो जाती है। सुबह 7:30 से लेकर के 9:00 बजे तक और दोपहर में 12:00 बजे से लेकर के 12:28 तक शुभ चौघड़िया प्राप्त हो रही हैं जो कलश स्थापना के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त होगा।