टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: औद्योगिक क्षेत्र जामुड़िया के बिरकुल्टी इलाके में स्थित सुपर स्मेल्टर कारखाने के वाटर प्रोजेक्ट के सामने आज इस प्रोजेक्ट में काम करने वाले 54 कर्मचारियों ने टीएमसी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर स्थानीय पंचायत सदस्य सुकांतो गोराई पंचायत समिति सदस्य शिशिर बाउरी आदि उपस्थित थे। उत्पल रुईदास के नेतृत्व में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की तरफ से बयेश्वर माजी सहित तमाम स्थानीय लोग भी मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पिछले 7 8 सालों से सुपर स्मेल्टर कारखाने के इस वाटर प्रोजेक्ट में 54 लोग काम कर रहे हैं जिनको बहस 5000 रुपए तनख्वाह दी जाती है जो कि इस महंगाई के दौर में काफी नहीं है इस पर भी उन 54 कर्मचारियों में से 28 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है।
इसी के खिलाफ आज प्रदर्शन किया जा रहा शनहै उनका कहना है कि जब तक प्रबंधन उनकी मांगों को नहीं मानता और इनका वेतन पून शुरू नहीं किया जाता है उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस संदर्भ में बिरकुल्टी गांव के एक निवासी ने कहा कि 2016 में सुपर कारखाने की इस परियोजना की शुरुआत हुई थी तब यहां पर 54 लोगों को काम पर रखा गया था लेकिन वह स्थाई कर्मी थे और उनका वेतन भी बेहद कम था पिछले 3 महीने से उन 54 लोगों में से 34 लोगों का वेतन रोक दिया गया है उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ लगातार आंदोलन करने का फैसला लिया गया था लेकिन चुरुलिया फांड़ि के प्रभारी के आश्वासन के बाद उन्होंने फिलहाल के लिए अपना आंदोलन वापस ले लिया है उन्होंने कहा कि चुरुलिया फांड़ी के प्रभारी ने कहा कि क्योंकि अभी चुनाव चल रहा है ऐसे में 16 तारीख के बाद वह उनके साथ बैठेंगे और इस बारे में कोई फैसला लेंगे वह उत्तम रुईदास ने कहा कि यहां 54 युवकों को नौकरी मिली थी जिन को अस्थाई तौर पर नौकरी पर रखा गया था लेकिन पिछले 3 महीने से इनको इनका वेतन नहीं मिला है इसी के खिलाफ आज वहां पर आंदोलन कर रहे थे उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रबंधन से इस बाबत कई बार गुहार लगाई थी जमुरिया के विधायक से भी कई बार कहा था जामुड़िया के विधायक ने प्रबंधन से इनके वेतन की राशि मुहैया कराने के लिए कहा था लेकिन प्रबंधन हीला हवाली कर रहा है यही वजह है कि आज वह यहां आंदोलन कर रहे हैं उन्होंने कहा कि चुरुलिया फाड़ी के प्रभारी और स्थानीय ब्लॉक अध्यक्ष के आश्वासन के बाद फिलहाल के लिए अपना आंदोलन समाप्त कर रहे हैं लेकिन अगर चुनाव के बाद इनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।