स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: किसी का जाना परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति होती है। इसकी भरपाई नहीं की जा सकती। पुराने समय में, खासकर इजिप्ट में काफी समय पहले से ममी का कांसेप्ट रहा है। इसमें मरने के बाद डेड बॉडी के ऊपर ख़ास तरह का लेप लगा दिया जाता था, जिससे बॉडी सड़ती नहीं थी। माना जाता था कि मौत के बाद वो फिर से जिन्दा हो सकते है। इस वजह से बॉडी को प्रिजर्व किया जाता था। खुदाई के दौरान करीब आठ हजार ममीज मिले थे। इसी में शामिल थी दो साल की रोसालिया की बॉडी। उसकी जान न्यूमोनिया से गई थी और बॉडी को शीशे के कॉफिन में रखा गया है। सौ साल के बाद भी ये इतनी सुरक्षित है कि देखने से लगता है कि बच्ची कब्र में लेटी हुई है।
हर साल उसे देखने के लिए हज़ारों पर्यटक आते हैं। रोसालिया की ममी को टूरिस्ट्स के डिस्प्ले के लिए लगा दिया गया है। कहते हैं कि ये ममी देखने वालों की तरफ आंखें खोलकर पलकें झपकाती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये सब लाइट्स का कमाल है।