स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: सावन के आखिरी शुक्रवार को है वरलक्ष्मी व्रत। ये ब्रत अधिकतर पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण भारत में इसकी विशेष मान्यता है। इस बार वरलक्ष्मी व्रत सावन मास की पूर्णिमा को पड़ रहा है। दो संयोग एक साथ बनने से इस बार वरलक्ष्मी व्रत का संयोग भी बढ़ गया है।
इस दिन सुबह 11 बजकर 34 मिनट तक सौभाग्य योग है और उसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। पूजा के हिसाब से शुभ समय सुबह 6 बजकर 14 मिनट से 8 बजकर 32 मिटन तक है। इसके बाद दोपहर में 1 बजकर 7 मिनट से 3 बजकर 26 मिनट तक और शाम 7 बजकर 12 मिनट से रात 8 बजकर 40 मिनट तक है।