एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: मां दुर्गा के भक्त और सच्चे आनंद से प्यार करने वाले लोग पूरे साल दुर्गा पूजा की प्रतीक्षा करते हैं, जिसे कुछ जगहों पर शारदीय नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के नौ दिन ही बहुत खास होते हैं, लेकिन षष्ठी से दशमी के पांच दिन बंगाल में जो धूम मचती है वो देखने को बनती है। बंगाल के छोटे-छोटे जिलों में बंगाली अलग-अलग रंग में पूजा के हर दिन सेलेब्रेट करते हैं। दुर्गा पूजा में शायद पूजा का सबसे खास दिन षष्ठी है जो इस उत्सव की पूरी मस्ती और उल्लास को किकस्टार्ट करता है। षष्ठी को महाषष्ठी भी कहा जाता है। इस दिन बंगाली एक अलग अंदाज में नजर आते हैं। अगर हम पुराणों की बातें याद करें तो इसी दिन देवी दुर्गा इस धरती पर आती हैं। ढाक-ढोल के साथ उनका स्वागत किया जाता है। इसी दिन देवी दुर्गा का चेहरा खोला जाता है। अब तक उनके चेहरे को ढका रखा जाता है। बोधन, आमंत्रण के साथ उनका स्वागत होता है और उली ध्वनी के साथ मां की पूजा शुरू होती है।