नवरात्रि के सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जाने पूजा- विधि और महत्व

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नवरात्रि के सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जाने पूजा- विधि और महत्व

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है। नवरात्रि के सातवें दिन मां के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना की जाती है। आज दिनांक 02 अक्टूबर, 2022, रविवार को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की विधि- विधान से पूजा की जाएगी। मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है। मां के बाल लंबे और बिखरे हुए हैं। मां के गले में माला है जो बिजली की तरह चमकते रहती है। मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। मां के हाथों में खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा है। आइए जानते हैं मां कालरात्रि पूजा- विधि और महत्व। ​

मां कालरात्रि पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को लाल रंग पसंद है। मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें। मां को रोली कुमकुम लगाएं। मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें। मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं। मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें। मां की आरती भी करें।

मां कालरात्रि की पूजा का महत्व -
मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। इसकी कृपा से बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। मां दुष्टों और शत्रुओं का संहार करने वाली हैं। मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से तनाव भी दूर हो जाता है।